Fasteners and Fastening क्या है ? Types of Fastening in Hindi
INTRODUCTION
- इंजीनियरिंग लाइन को किसी भी मशीन के अस्थायी या स्थायी भागों में जोड़ा जाता है
- अस्थायी Joint को नट्स, बोल्ट, कीज, कॉटर्स, स्टड इत्यादि की मदद से जोड़ा जाता है।
- मशीन के विभिन्न हिस्सों और संरचना आवश्यकतानुसार आवश्यक रूप से काम करने के लिए आपस में जोड़ने को Fastening कहते है
- Fastening के लिए जो Devices प्रयोग की जाती है उन्हें Fastener कहते है जैसे Nut, Bolt, Key, Cotter, Stud, Screw, Rivet, Welding.
TYPE OF FASTENING
तकनीकी area में तीन प्रकार के fastening का उपयोग किया जाता है।
1. Temporary Fastening2. Semi Permanent Fastening3. Permanent Fastening
1. Temporary Fastening
मशीन भागों को इस तरह के जोड़ में अस्थायी रूप जोड़ा जाता है। यही है,की इसमें इस्तेमाल किए गए फास्टनर को बिना किसी नुकसान के खोला जा सकता है। job या मशीन भागों के लिए कोई नुकसान नहीं होता है तथा इसके भागों को आसानी से खोला जा सकता है या जोड़ा जा सकता है। इसमें प्रयुक्त फास्टनर को अस्थायी फास्टनर कहते हैं। इसका उदाहरण नट , बोल्ट, स्टड, कुंजी, कोटर, पिन, वॉशर, स्क्रू इत्यादि होते है
2. Semi Permanent Fastening
इस प्रकार की विधि में अर्द्ध स्थायी के रूप में जोड़ा जाता है। जब मशीन भागों को खोलते हैं इस विधि में उपयोग किए जाने वाले फास्टनर खोलते समय खराब हो जाते हैं । लेकिन जॉब या मशीन में कोई दिक्कत नहीं होता है रिवेट्स और सोल्डर आदि जैसे इसके उदहारण है
3. Permanent Fastening
यह इस तरह का जोड़ है जो एक बार जोड़ा गया तो मशीन और उसके भागों का एक हिस्सा बन जाता हैं। इस विधि से स्थायी में स्थायी जोड़ जोड़ा जाता है जो आसानी से अलग नहीं हो सकते हैं। यदि हम भागों को अलग करते हैं, तो फास्टनर को तोड़ना पड़ता है, जिससे मशीन को भी नुकसान पहुंच सकता है यहां तक कि हमारा जॉब ख़राब भी हो सकता है। स्थायी फास्टिंग में जैसे हॉट riveting ,वेल्डिंग जोड़ इत्यादि
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Er.Rajkapoor