आज के इस टॉपिक में हम लोग गियर क्या है और इसके कुछ बेसिक परिभाषाये के बारे में चर्चा करेंगे आशा करता हु की यह पोस्ट आपको अच्छा लगेगा 

गियर क्या है what is gear?

गियर एक गोलाकार पहिया  नुमा  एक मशिनी पुर्जा  जिसकी परिधि  पर समान दूरी और समान आकार  के दांते (teeth) बने होते है। और इसके  सामान ही एक दूसरा पहिया होता है  जिससे यह आपस में आसानी  जुड़ जाता है। इनकी सहायता से एक ड्राइवर  शाफ्ट (Shaft) से दूसरी ड्रिवेन  शाफ्ट (Shaft) में  पावर ट्रांसफर (Power Transfer) किया जाता है।

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लगभग  हमेशा गियर (Gear) के डायमीटर (Diameter) पर ही  दांते (Teeth) कटे होते हैं। और  गियर का प्रयोग कम दूरी की शाफ्टों को चलाने के लिए किया जाता है। जैसे लेथ  मशीन के गियर ड्राइव में और ऑटोमोबाइल के गियर ड्राइव में

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कुछ बेसिक्स गियर के प्रकार basics type of gear 

ड्राइवर गियर (Driver Gear)

इसमें जो पहला गियर पावर को ट्रांसफर कर रहा हैअर्थात जिसमे मोटर लगी होती है  उसे ड्राइवर गियर (Driver Gear) कहते हैं।

ड्रिवन गियर (Driven Gear)

 जो दूसरा गेयर पावर को लेता है अर्थात पहले गियर से पावर को लेके अपने शाफ़्ट को रोटेट करता है , उससे ड्रिवन गियर (Driven Gear) कहते हैं।
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पिनियन (Pinion)

 दोनों गियर ड्राइवर और ड्रिवेन  में जो आकार (Size) में छोटा होता है. उसे पिनियन (Pinion) कहते हैं।

आइडलर गियर (Idler Gear)

 जब कही पर हमें एक ही दिशा में गति को ट्रांसफर करनी होती है तो हमे इस प्रकार की  गियर  की जरुरत पड़ती है  उस तीसरे गियर को आइडलर गियर (Idler Gear) कहते हैं।

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गियर का प्रयोग (Use of Gear)

1.    गियर का प्रयोग मशीन की स्पीड बढ़ाने के लिए किया जाता है।

2.    मशीन की स्पीड कम करने के लिए किया जाता है।

3.    मशीन की ताकत बढ़ाने के लिए किया जाता है।

4.    गियर के द्वारा शाफ्ट के समांतर शाफ्ट (Parallel Shaft) में पावर ट्रांसफर किया जाता है।

5.    गियर के द्वारा वर्टिकल शाफ्ट (Vertical Shaft) से होरिजेंनल शाफ्ट (Horizontal Shaft) में पावर ट्रांसफर किया जा सकता है।

6.    होरिजेंटल शाफ्ट (Horizontal Shaft) से वर्टिकल शाफ्ट (Vertical Shaft) में पावर को ट्रांसफर किया जा सकता है।


गियर बनाने की प्रक्रिया (Gear and forming process)


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गियर बनाने के लिए हम  कास्टिंग (Casting), फोर्जिंग  (Forging), एक्सट्रूजन (Extrusion), मिलिंग (Milling), शेपिंग (Shaping), तथा  हॉबिंग (Hobbing), आदि इन सभी  प्रक्रियाओं को  प्रयोग में लाया जाता  हैं। ज्यादा स्ट्रेंथ  वाले गियर को हार्ड व टेंपर Hard and Tempered) भी किया जाता है  किया जाता है। जिससे वह लम्बे समाया तक काम करे

गियर बनाने में काम आने वाले मेटल (Gear Metal)

कास्ट आयरन (Cast Iron) ,कास्ट स्टील  (Cast Steel) ,एलॉय स्टील (Alloy Steel), माइल्ड स्टील (Mild Steel), कॉपर (Copper), पीतल (Brass), कांसा (Bronze), एलुमिनियम (Aluminum), प्लास्टिक (Plastic), नायलॉन (Nylon), 

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Er.Rajkapoor