Terminology of gear गियर के विभिन्न पद या टर्मिनोलॉजी

आज के आर्टिकल में हम बात करने वाले है गियर के विभिन्न पदों का जिनका गियर के निर्माण में और उसके विभिन्न उपयोगो में होता है 

हम पिछले पोस्ट में गियर के बारे में और गियर के प्रकार के बारे में चर्चा कर  चुके है यदि आप नहीं पढ़े है तो एक बार जरूर देखे  

तो आईये शुरू करते है 

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आउट साइड डायमीटर

यह गियर का सबसे बाद ब्यास होता है इसमें पूरी गियर की दातो की ऊपरी लम्बाई ली जाती है

रुट सर्किल

गियर के दातो  के कट से स्पर्स करता हुआ जो वृत्त बनता है उसे ही रुट सर्किल कहते है इसे डिडेनडेम सर्किल भी कहते है

पिच

दो आपस में सलग्न दातो की बिच की दुरी को पिच कहते है यह जिस डेट के जिस पार्ट से शुरू की जाती है ठीक अगले दाँत के उसी भाग तक ली जाती है

सर्कुलर पिच

दो सलग्न दातो की दुरी को यदि पिच सर्किल पर मापा जाय तो वह सर्कुलर पिच कहलाती है

फार्मूला-

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डामेटरल पिच

यदि गियर के दातो की संख्या को पिच सर्किल के ब्यास से भाग दे दिया जाय तो वह diametaral   पिच  कहलाता है

पिच सर्किल

यह एक काल्पनिक वृत्त रेखा होती है जो की आउट साइड सर्किल और रुट सर्किल के बिच में बनता है

अडेंडम

आउट साइड सर्किल और पिच सर्किल के बिच की दुरी को अडेंडम कहते है

डिडेंडम

पिच सर्किल और रुट सर्किल के बिच की दुरी को डिडेंडम कहते है

विड्थ ऑफ़ टूथ

गियर के दाँत को पिच सर्किल से सीधी रेखा में माप ले तो जो दाँत  की मोटाई होती है उसी को विड्थ ऑफ़ टूथ कहते है

टूथ स्पेस

दो सलग्न दातो के बिच खाली जगह को यदि पिच सर्किल पर मापा जाय तो वह टूथ स्पेस कहलाती है


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क्लीयरेंस

यदि दो गियर को आपस में मेश किया जाय तो एक गियर के दाँत के टॉप और दुसरे गियर के रुट में जो जगह बचती है उसी को क्लीयरेंस कहते है

पिच डायमीटर

 पिच सर्किल के व्यास को पिच डीएमटीर कहते है यही इफेक्टिव व्यास होता है गियर का

आशा करता हु की यह पोस्ट आपको समझ में आया होगा 

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Thanks for reading 
regards
Er.Rajkapoor